दुनिया में कई तरह के लोग रहते है पर असल में कुछ होशियार तो कुछ पागल होते है............................... दोनो में क्या फरक है और आप क्या कहलाना पसंद करेंगे आइये जानते है एक होशियार आदमी की सोच की सीमाए होती है पर पागल इन्सान की कोई सीमा नहीं एक होशियार आदमी फैसले हमेशा दिमागी तौर पर लेता है पर पागल इन्सान के फैसले अजीबो गरीब हालातो पर भी भारी पड़ सकते है, उसके फैसले कुछ दिल से तो कुछ दिमाग से होते है एक होशियार की सोच के एक दायरा होता है पर पागल इन्सान की सोच का कोई दायरा नहीं, कोई सीमा नहीं एक होशियार अपनी सोच से एक जंग जित सकता है पर पागल हारकर भी होसला नहीं हारता, और जंग पे जंग जित सकता है एक होशियार हमेशा फायदे का ही सौदा करता है पर पागल इन्सान घाटे का सौदा भी करता है तो लोगोंको शायद घाटा लगे पर असल में उसके लिए फायदे का ही सौदा होता है एक होशियार हमेशा दूर की सोचता है पर पागल इन्सान अभी जो वक्त चल रहा है उसी के बारे में सोचता है एक होशियार आदमी हमेश सुलझे हालातो में ही खुश रहता है पर पागल इन्सान कैसा भी वक्त आये, हमेशा खुश ही रहा करता है
there may many reasons don't panic theme may be more problems don't panic no need of things to be happy you can be happy if you wana be happy no need of fashion no need of special treatment no need of special food no need of special plans you can enjoy without worrying nothing is impossible then try to be happy without reason without reason try to happy, if you follow this simple rule one day you will reaslize everything is happy without need of anything